" ह्रदय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है : तामबूल शर्बत
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तामबुल को आम बोलचाल की भाषा मे " पान " कहते है, पान की दुकान तो हमारे देश मे सर्वाधिक है, गली मुहल्ले नुक्कड़ पर भी पान की दुकान मिल ही जाती है
वैसे आजकल पान की दुकान, पान तक ही सीमित न हो कर बीड़ी सिगरेट और गुटखा की बिक्री का केंद्र भी होती है, बहरहाल यहा चर्चा का केंद्र पान है, यहा इसी पान से तैयार ऐसे शर्बत की जानकारी दी जा रही है, जो क ई रोगो खासतौर पर ह्रदय रोगो पर बेहद उपयोगी रहता है
पान ( तामबूल ) का शर्बत बनाने की विधि
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उत्तम पके हुए 50 पत्ते के छोट छोटे टुकड़े कर ऐक किलो पानी मे आधा पानी रहने तक आग पर पकाये, फिर छानकर उसमे 500 ग्राम शक्कर या मिश्री मिलाकर ऐक तार की चाशनी बनने तक गर्म कर के उतारकर ठंडा कर के बोतल मे भरकर रखे
25 से 30 ग्राम इस शर्बत मे बराबर पानी मिलाकर पीये,
यह प्रयोग दिन मे 2-3 बार सेवन करते रहने से कमजोर दिल फिर से बलवान हो जाता है, पाचन क्रिया सुधर जाती है, तथा ह्दय मजबूत और श्वास का दौरा कम हो ता है
यदि इस शर्बत को पाक जैसा बना लेने के बाद इसमे केशर, लौग व जावितरी का योग्य मात्रा मे चूर्ण कर मिला लिया जाए तो इसके गुण और ज्यादा बढ जाते है और इसमे सहवास मे रूची तथा सहवास शक्ति बढ़ाने के गुण भी उत्पन्न हो जाते है
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तामबुल को आम बोलचाल की भाषा मे " पान " कहते है, पान की दुकान तो हमारे देश मे सर्वाधिक है, गली मुहल्ले नुक्कड़ पर भी पान की दुकान मिल ही जाती है
वैसे आजकल पान की दुकान, पान तक ही सीमित न हो कर बीड़ी सिगरेट और गुटखा की बिक्री का केंद्र भी होती है, बहरहाल यहा चर्चा का केंद्र पान है, यहा इसी पान से तैयार ऐसे शर्बत की जानकारी दी जा रही है, जो क ई रोगो खासतौर पर ह्रदय रोगो पर बेहद उपयोगी रहता है
पान ( तामबूल ) का शर्बत बनाने की विधि
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उत्तम पके हुए 50 पत्ते के छोट छोटे टुकड़े कर ऐक किलो पानी मे आधा पानी रहने तक आग पर पकाये, फिर छानकर उसमे 500 ग्राम शक्कर या मिश्री मिलाकर ऐक तार की चाशनी बनने तक गर्म कर के उतारकर ठंडा कर के बोतल मे भरकर रखे
25 से 30 ग्राम इस शर्बत मे बराबर पानी मिलाकर पीये,
यह प्रयोग दिन मे 2-3 बार सेवन करते रहने से कमजोर दिल फिर से बलवान हो जाता है, पाचन क्रिया सुधर जाती है, तथा ह्दय मजबूत और श्वास का दौरा कम हो ता है
यदि इस शर्बत को पाक जैसा बना लेने के बाद इसमे केशर, लौग व जावितरी का योग्य मात्रा मे चूर्ण कर मिला लिया जाए तो इसके गुण और ज्यादा बढ जाते है और इसमे सहवास मे रूची तथा सहवास शक्ति बढ़ाने के गुण भी उत्पन्न हो जाते है
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