शहर से कुछ दूर एक बुजुर्ग दम्पत्ती रहते थे . वो जगह बिलकुल शांत थी और आस -पास इक्का -दुक्का लोग
ही नज़र आते थे .एक दिन भोर में उन्होंने देखा की एक युवक हाथ में फावड़ा लिएअपनी साइकिल से कहीं जा
रहा है , वह कुछ देर दिखाई दिया और फिर उनकी नज़रों से ओझल हो गया .दम्पत्ती ने इस बात पर अधिक ध्यान नहीं दिया , पर अगले दिन फिर वह व्यक्ति उधर से जाता दिखा .अब तो मानो ये रोज की ही बात बन गयी, वह व्यक्ति रोज फावड़ा लिए उधर से गुजरता और थोड़ी देर में आँखों से ओझल हो जाता .दम्पत्ती इस सुन्सान इलाके में इस तरह किसी के रोज आने -जाने से कुछ परेशान हो गए और उन्होंने उसका पीछा करने का फैसला किया .अगले दिन जब वह उनके घर के
सामने से गुजरा तो दंपत्ती भी
अपनी गाडी से उसके
पीछे -पीछे चलने लगे . कुछ
दूर जाने के बाद वह एक पेड़ के पास रुक और
अपनी साइकिल वहीँ
कड़ी कर आगे बढ़ने लगा . १५-२० कदम
चलने के बाद वह रुका और अपने फावड़े से
ज़मीन खोदने लगा .
दम्पत्ती को ये बड़ा अजीब लगा
और वे हिम्मत कर उसके पास पहुंचे ,“तुम यहाँ
इस वीराने में ये काम क्यों कर रहे
हो ?”
युवक बोला , “ जी, दो दिन बाद मुझे एक
किसान के यहाँ काम पाने क लिए जाना है , और
उन्हें ऐसा आदमी चाहिए जिसे खेतों में
काम करने का अनुभव हो , चूँकि मैंने पहले
कभी खेतों में काम नहीं किया
इसलिए कुछ दिनों से यहाँ आकार खेतों में काम करने
की तैयारी कर रहा हूँ!!”
दम्पत्ती यह सुनकर काफी
प्रभावित हुए और उसे काम मिल जाने का
आशीर्वाद दिया .
किसी भी
चीज में सफलता पाने के लिए
तैयारी बहुत ज़रूरी है . जिस
sincerity के साथ युवक ने खुद को खेतों में काम
करने के लिए तैयार किया कुछ उसी तरह
हमें भी अपने-अपने क्षेत्र में सफलता के लिए
खुद को तैयार करना चाहिए।
ही नज़र आते थे .एक दिन भोर में उन्होंने देखा की एक युवक हाथ में फावड़ा लिएअपनी साइकिल से कहीं जा
रहा है , वह कुछ देर दिखाई दिया और फिर उनकी नज़रों से ओझल हो गया .दम्पत्ती ने इस बात पर अधिक ध्यान नहीं दिया , पर अगले दिन फिर वह व्यक्ति उधर से जाता दिखा .अब तो मानो ये रोज की ही बात बन गयी, वह व्यक्ति रोज फावड़ा लिए उधर से गुजरता और थोड़ी देर में आँखों से ओझल हो जाता .दम्पत्ती इस सुन्सान इलाके में इस तरह किसी के रोज आने -जाने से कुछ परेशान हो गए और उन्होंने उसका पीछा करने का फैसला किया .अगले दिन जब वह उनके घर के
सामने से गुजरा तो दंपत्ती भी
अपनी गाडी से उसके
पीछे -पीछे चलने लगे . कुछ
दूर जाने के बाद वह एक पेड़ के पास रुक और
अपनी साइकिल वहीँ
कड़ी कर आगे बढ़ने लगा . १५-२० कदम
चलने के बाद वह रुका और अपने फावड़े से
ज़मीन खोदने लगा .
दम्पत्ती को ये बड़ा अजीब लगा
और वे हिम्मत कर उसके पास पहुंचे ,“तुम यहाँ
इस वीराने में ये काम क्यों कर रहे
हो ?”
युवक बोला , “ जी, दो दिन बाद मुझे एक
किसान के यहाँ काम पाने क लिए जाना है , और
उन्हें ऐसा आदमी चाहिए जिसे खेतों में
काम करने का अनुभव हो , चूँकि मैंने पहले
कभी खेतों में काम नहीं किया
इसलिए कुछ दिनों से यहाँ आकार खेतों में काम करने
की तैयारी कर रहा हूँ!!”
दम्पत्ती यह सुनकर काफी
प्रभावित हुए और उसे काम मिल जाने का
आशीर्वाद दिया .
किसी भी
चीज में सफलता पाने के लिए
तैयारी बहुत ज़रूरी है . जिस
sincerity के साथ युवक ने खुद को खेतों में काम
करने के लिए तैयार किया कुछ उसी तरह
हमें भी अपने-अपने क्षेत्र में सफलता के लिए
खुद को तैयार करना चाहिए।
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