बढ़ई
एक बार की बात है कि किसी गाँव में एक बढ़ई रहता था। वह अपने काम में इतना निपुण था कि दूर दूर तक उसकी ख्याति थी। वह एक अमीर आदमी के यहाँ नौकरी करता था। बढ़ई ने बहुत से शानदार घर अपने हाथों से बनाये थे इसलिए उसका मालिक भी हमेशा उससे बहुत खुश रहता था।
वक्त के साथ बढ़ई अब बूढ़ा हो चला था। अब उसने ये धंधा छोड़कर आराम की जिंदगी गुजारने का विचार किया। एक दिन उसने यही बात अपने मालिक को बताई। बढ़ई को देखकर लग रहा था कि अब उसका काम में पहले की तरह मन नहीं लगता है, वह ये काम करते हुए थक गया है। लेकिन काम बहुत ज्यादा था तो मालिक ने बढ़ई से विनती की कि अभी बिजनिस में बहुत काम बाकि है, मैं तुमको जाने नहीं देना चाहता, लेकिन तुम जाना चाहते हो तो ठीक है। लेकिन एक विनती है कि एक बड़ा बंगला बनाने का काम आया है। तुम एक बार वो बंगला अपने हाथों से तैयार कर दो, फिर चाहे तो चले जाना।
अब तो बढ़ई के पसीने छूट गए वो मन ही मन बोला – अगर मुझे पता होता कि बंगला मेरा है तो मैं इसे बहुत अच्छा बनाता। मैंने जीवन भर लोगों के लिए अच्छे अच्छे घराने बनाये लेकिन अपना घर ही सबसे बेकार बना डाला।
ये कहानी हमारे जीवन पर भी लागू होती है। जिंदगी में हर एक काम महत्वपूर्ण है, हर काम को पूरा मन लगाकर कीजिये। क्या पता आपका ये काम ही आपको सफलता तक ले जाये। हम जीवन में बहुत सारी चीज़ों को गंभीरता से नहीं लेते लेकिन समय निकल जाने के बाद मन में सोचते हैं कि हम इसको और बेहतर बना सकते थे। एक इंसान अपनी पूरी जिंदगी जीता है और जीवन भर बहुत सारे काम भी करता है लेकिन बूढ़े हो जाने के बाद याद आता है कि हम अपनी जिंदगी को और सुनहरा बना सकते थे। इसमें और रंग भर सकते थे।
हम कई बार जीवन में कुछ गलत आदतों में पड़ जाते हैं, हालाँकि हमें पता है कि यह गलत है लेकिन फिर भी हम अपने आपको नहीं सुधारते लेकिन जब वक्त निकल जाता है तो याद आता है कि काश हमने समय पर सही काम किये होते।
जो भी करो पूरे दिल से करो, क्या पता आपका यही पल आगे आने वाले कल के लिए अच्छी सौगातें लेकर आये।
उस बढ़ई की तरह सोचिये, हम रोज सुबह उठते हैं फिर अपने अपने कामों में लग जाते हैं। क्या आप रोजाना पूरे दिन हर काम पूरे दिल से करते हैं? दोस्तों सोचिये कि जीवन एक मकान है और हम एक बढ़ई हैं। इस मकान को कैसा बनाना है ये तो आपके हाथ में है। तो देरी किस बात की? इसे ज्यादा से ज्यादा सुन्दर बनाइये, हर दिन सुन्दर बनाइये, दिन प्रतिदिन बनाते जाइये। जब ये जीवन रूपी मकान बनकर खड़ा होगा तो वास्तव में ये मकान बहुत शानदार होगा।
एक बार की बात है कि किसी गाँव में एक बढ़ई रहता था। वह अपने काम में इतना निपुण था कि दूर दूर तक उसकी ख्याति थी। वह एक अमीर आदमी के यहाँ नौकरी करता था। बढ़ई ने बहुत से शानदार घर अपने हाथों से बनाये थे इसलिए उसका मालिक भी हमेशा उससे बहुत खुश रहता था।
वक्त के साथ बढ़ई अब बूढ़ा हो चला था। अब उसने ये धंधा छोड़कर आराम की जिंदगी गुजारने का विचार किया। एक दिन उसने यही बात अपने मालिक को बताई। बढ़ई को देखकर लग रहा था कि अब उसका काम में पहले की तरह मन नहीं लगता है, वह ये काम करते हुए थक गया है। लेकिन काम बहुत ज्यादा था तो मालिक ने बढ़ई से विनती की कि अभी बिजनिस में बहुत काम बाकि है, मैं तुमको जाने नहीं देना चाहता, लेकिन तुम जाना चाहते हो तो ठीक है। लेकिन एक विनती है कि एक बड़ा बंगला बनाने का काम आया है। तुम एक बार वो बंगला अपने हाथों से तैयार कर दो, फिर चाहे तो चले जाना।
अब तो बढ़ई के पसीने छूट गए वो मन ही मन बोला – अगर मुझे पता होता कि बंगला मेरा है तो मैं इसे बहुत अच्छा बनाता। मैंने जीवन भर लोगों के लिए अच्छे अच्छे घराने बनाये लेकिन अपना घर ही सबसे बेकार बना डाला।
ये कहानी हमारे जीवन पर भी लागू होती है। जिंदगी में हर एक काम महत्वपूर्ण है, हर काम को पूरा मन लगाकर कीजिये। क्या पता आपका ये काम ही आपको सफलता तक ले जाये। हम जीवन में बहुत सारी चीज़ों को गंभीरता से नहीं लेते लेकिन समय निकल जाने के बाद मन में सोचते हैं कि हम इसको और बेहतर बना सकते थे। एक इंसान अपनी पूरी जिंदगी जीता है और जीवन भर बहुत सारे काम भी करता है लेकिन बूढ़े हो जाने के बाद याद आता है कि हम अपनी जिंदगी को और सुनहरा बना सकते थे। इसमें और रंग भर सकते थे।
हम कई बार जीवन में कुछ गलत आदतों में पड़ जाते हैं, हालाँकि हमें पता है कि यह गलत है लेकिन फिर भी हम अपने आपको नहीं सुधारते लेकिन जब वक्त निकल जाता है तो याद आता है कि काश हमने समय पर सही काम किये होते।
जो भी करो पूरे दिल से करो, क्या पता आपका यही पल आगे आने वाले कल के लिए अच्छी सौगातें लेकर आये।
उस बढ़ई की तरह सोचिये, हम रोज सुबह उठते हैं फिर अपने अपने कामों में लग जाते हैं। क्या आप रोजाना पूरे दिन हर काम पूरे दिल से करते हैं? दोस्तों सोचिये कि जीवन एक मकान है और हम एक बढ़ई हैं। इस मकान को कैसा बनाना है ये तो आपके हाथ में है। तो देरी किस बात की? इसे ज्यादा से ज्यादा सुन्दर बनाइये, हर दिन सुन्दर बनाइये, दिन प्रतिदिन बनाते जाइये। जब ये जीवन रूपी मकान बनकर खड़ा होगा तो वास्तव में ये मकान बहुत शानदार होगा।
Feedback job publisher: Navneet | job publish date : 01:44
Hindi Moral Stories | Hindi Motivational Stories | Inspirational Story in Hindi | motivational story in hindi | Stories | Story
No comments :
comment on job